GST on used Cars-18% -जानिये पुरा मामला

GST on used Cars

GST Tax बदलाव: सच, अफवाहें और विवाद | निर्मला सीतारमन और पॉपकॉर्न टैक्स का मामला

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़ी खबरें हर कुछ दिनों में फैली हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर “GST on used Cars” और “पॉपकॉर्न टैक्स” के मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है। मीम्स और वायरल पोस्ट्स की बाढ़ आ गई है। इन विषयों को लेकर आम जनता में भ्रम फैला है, और कई सवाल उठ रहे हैं।

क्या वास्तव में यूज्ड कार बेचने पर बड़ा टैक्स लगाया गया है? पॉपकॉर्न पर तीन तरह के अलग-अलग टैक्स स्लैब क्यों हैं? सरकार ने इस पर क्या सफाई दी है? इस लेख में, हम जीएसटी बदलाव के इन मुद्दों को विस्तार से समझाएंगे।

GST on used Cars

GST on used Cars विवाद

  1. क्या है विवाद का कारण?

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें कहा गया है कि अगर आप 6 लाख की गाड़ी खरीदते हैं और उसे 1 लाख में बेचते हैं, तो आपको सरकार को 90,000 रुपये टैक्स देना होगा। यह बात सुनकर कई लोग हैरान रह गए और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने लगे।GST on used Cars

  1. सच्चाई क्या है?

सरकार ने इस भ्रम को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि यह टैक्स केवल डीलर्स पर लागू होता है, न कि व्यक्तिगत रूप से गाड़ी बेचने वाले आम लोगों पर! मतलब जो डीलर्स है वह जब कार बेचेंगे तब tax लगेगा.GST on used Cars

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डीलर के लिए टैक्स नियम:

अगर कोई डीलर पुरानी गाड़ी खरीदता है और उसे आगे बेचता है, तो उसे केवल प्रॉफिट मार्जिन पर टैक्स देना होगा।GST on used Cars

GST on used Cars

व्यक्तिगत सेलर्स के लिए नियम:

अगर आप व्यक्तिगत तौर पर गाड़ी बेच रहे हैं, तो आप पर कोई टैक्स लागू नहीं होगा।यह बहुत ही अच्छा फिचर है

  1. उदाहरण से समझें

अगर एक डीलर ने 6 लाख रुपये की ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) खरीदी और उसे 10 लाख रुपये में बेचा, तो उसका प्रॉफिट हुआ 4 लाख रुपये।
इस 4 लाख के प्रॉफिट पर डीलर को 18% जीएसटी देना होगा।

  1. सोशल मीडिया पर अफवाहें और सरकार का जबाब

सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में जीएसटी को लेकर भ्रम फैलाया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने स्पष्ट किया कि यह टैक्स पर्सनल सेल के लिए लागू नहीं है। यह केवल व्यापारिक डीलर्स के लिए लागू किया गया है।GST on used Cars

पॉपकॉर्न टैक्स विवाद: मीम्स से सच्चाई तक

पॉपकॉर्न पर तीन अलग टैक्स स्लैब क्यों?

पॉपकॉर्न पर लगाए गए टैक्स ने भी खबरो में बहुत धूम मचाई है ।

    • 5% जीएसटी: बिना लेबल और साधारण मसाले वाले पॉपकॉर्न।
    • 12% जीएसटी: ब्रांडेड और लेबल वाले मसालेदार पॉपकॉर्न।
    • 18% जीएसटी: कैरेमलाइज्ड (शक्कर वाले) पॉपकॉर्न।

    विवाद का कारण

    लोग इस फैसले को लेकर मजाक बना रहे हैं कि भारत जैसे बड़े देश में पॉपकॉर्न के तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब क्यों तय किए जा रहे हैं।

    मीम्स और जनता की प्रतिक्रिया

    सोशल मीडिया पर एक मीम में लिखा गया, “अगर पॉपकॉर्न में हिमालयन साल्ट हो, तो उस पर 28% टैक्स लगना चाहिए।”
    शशि थरूर ने भी एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था, “पॉपकॉर्न खाओ और सो जाओ। ज्यादा सोचो मत।”

    सरकार की सफाई

    निर्मला सीतारमन ने कहा कि पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स स्लैब पहले से मौजूद थे। अब इसे सिर्फ स्पष्ट किया गया है।

    GST on used Cars

    जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक के मुख्य निर्णय

    • यूज्ड ईवी पर 18% जीएसटी
    • पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 12% की जगह अब 18% टैक्स लागू होगा।GST on used Cars
    • काली मिर्च और किशमिश पर जीएसटी हटाया गया

    इन वस्तुओं को अब जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है।

    • फोर्टिफाइड चावल पर टैक्स घटा
    • फोर्टिफाइड चावल पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा। पहले यह ज्यादा था।
    • जीन थेरेपी पर टैक्स में छूट
      हेल्थ सेक्टर को राहत देते हुए जीन थेरेपी पर जीएसटी को हटा दिया गया है।

    जीएसटी बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव

    सकारात्मक प्रभाव

    1. नई गाड़ियों पर केवल 5% जीएसटी होने से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
    2. हेल्थकेयर क्षेत्र में जीन थेरेपी जैसी सेवाओं पर टैक्स छूट से मरीजों को राहत मिलेगी।

    नकारात्मक प्रभाव

    1. डीलर्स पर ज्यादा टैक्स लगने से सेकंड हैंड गाड़ियों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
    2. पॉपकॉर्न जैसी रोजमर्रा की चीजों पर अलग-अलग टैक्स स्लैब से आम जनता में असंतोष बढ़ सकता है।

    निष्कर्ष: जीएसटी और हमारे सवाल

    जीएसटी को लेकर हर बदलाव के साथ भ्रम और अफवाहें फैलना आम बात है। हालांकि, सरकार ने इस बार सोशल मीडिया पर उठे सवालों का तुरंत जवाब देकर स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश की।

    GST on used Cars: आम जनता के लिए नहीं है, यह केवल डीलर्स के लिए लागू है।GST on used Cars

    पॉपकॉर्न टैक्स: पुराने टैक्स स्लैब को बस स्पष्ट किया गया है।
    जीएसटी को लेकर आम जनता के सवाल और असंतोष जायज हैं, लेकिन सटीक जानकारी के बिना भ्रम से बचना जरूरी है।

    आपकी राय:

    क्या आपको लगता है कि जीएसटी के ये बदलाव उचित हैं, या इनसे आम जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा? अपने विचार हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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